Verdict - निर्णय : परेश रावल और संजय मिश्रा की कमाल जुगलबंदी आपका दिल जीत लेगी !
हमारे घरों में हमें बचपन से यही सिखाया जाता है कि मेहमान भगवान का रूप होता है। लेकिन क्या हो जब वही भगवान स्वरूप मेहमान आपके जी का जंजाल बन जाये और आपके घर से जाने का नाम ही ना ले? कुछ ऐसी ही है फ़िल्म गेस्ट इन लंदन की कहानी। हमारी ज़िन्दगी में बड़े बुज़ुर्ग ज़रूरी होते हैं और हमें बहुत कुछ सिखाते भी हैं, लेकिन अगर वही बड़े बुज़ुर्ग मेहमान बनकर आये और घर से जाने का नाम ना ले तो बुरे लगने लगते हैं।
परेश रावल, तन्वी आज़मी, कार्तिक आर्यन, कृति खरबंदा और संजय मिश्रा स्टारर फ़िल्म गेस्ट इन लंदन की कहानी भी कुछ अनचाहे अतिथियों के बारे में है। फ़िल्म की कहानी साधारण सी है। एक लड़का आर्यन लंदन की सिटीजनशिप पाने के लिए कृति से शादी करने जा रहा है। ऐसे में उसके घर आ धमकते हैं उसके चाचा के पड़ोसी और उनकी पत्नी गुड्डी।
ये फिल्म 2010 में आई अजय देवगन और कोंकणा सेन शर्मा स्टारर फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे का सीक्वल है। फिल्म का पहला भाग काफी हद तक पुरानी फिल्म जैसा है। इसका दूसरा भाग काफी अच्छा और इमोशनल, दूसरे भाग में कहानी रफ़्तार पकड़ती है और इस फिल्म को अर्थ मिलता है।
परेश रावल ने अपने अंदाज़ को बरकरार रखते हुए एक परेशान करने वाली गेस्ट का रोल बखूबी निभाया है। फिल्म में उनकी और संजय मिश्रा की जुगलबंदी कमाल है। संजय मिश्रा ऐसे कलाकार है, जिनकी तारीफ करते आप नहीं रुक सकते। कार्तिक कृति और तन्वी ने अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है।
फिल्म का निर्देशन और म्यूजिक अच्छा है। कुल-मिलकर ये एक एंटरटेनिंग फिल्म है और इसे एक बार देखा जा सकता है।
No comments:
Post a Comment